परिचय - नमस्कर कैसे है आप सब आशा करता हु ठीक होगे और जहा भी होगे ayurdailyLife नुस्खो का प्रयोग कर ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा रहे होगे । मित्रो आज का हमारा विषय है लकवा जिसे हम अग्रेजी मे पैरालिसिस भी कहते है । साथियो लकवा क्यू होता है किन पोषक तत्वो की कमी से होता है । आज कल लकवा हर किसी को हो रहा है । लकवा होने पर हमारा आधा शरीर संवेदनशील हो जाता है । ज़्यादातर लकवा पेट मे अधिक गैस बनने ,मस्तिस्क पर वायु का दवाव पड़ने और हृदय पर वायु का दवाव बढ़ने से शरीर पर वायु का झटका लगने से व्यक्ति को लकवा हो जाता है । स्नायु शिथिल हो जाते है, शरीर का आधा भाग टेढ़ा हो जाता है या काम करना बंद कर देता है । इसके अलावा काले और सेंधे नमक से जो पोषक तत्व शरीर को मिलते है उन पोषक तत्वो की कमी होने पर ही पैरालिसिस होता है । लकवा आने के कारणो मे यह भी पाया गया है की लकवा अधिक चिंता करने से या किसी बात को लेके अचानक सदमे से या अचानक कोई बड़ी दुर्घटना के घट जाने से भी दिमाग पर बुरा असर पड़ने से व्यक्ति अचानक लकवे का शिकार हो जाता है ।
इसे भी देखे - डेंगू बुखार : डेंगू के कारण,लक्षण व उपचार
लकवा का रामबाण इलाज (Lakwa ka Ramban ilaaj)
लकवा शरीर के किसी अंग मे हो सकता है । लेकिन ज़्यादातर लकवा हाथ पैर या एक साइड के हाथ और पैर दोनों और मुह पर इसका अटैक हो सकता है । जिससे लकवा आने पर कोई भी अंग बिलकुल भी काम नहीं कर करता है । तत्पश्चात लटक से जाते है इसे ही लकवा कहते है । आइये जानते है इस भयानक बीमारी को ठीक करने के लिए आयुर्वेद मे क्या क्या उपाय है ।
लकवा का देसी इलाज (Lakwa ka Desi Ilaaj)
महर्षि वाग्भट्ट द्वारा अपनी पुस्तक मे लकवे के घरेलू उपचार के बारे मे बिस्तार से बताया गया है । और हम रोग का समाधान खुद कर सकते है । आइये विस्तार से जानते है।
1- सेंधा और काला नमक - सेंधा और काला नमक मे पाये जाने बाले तत्वो की शरीर मे कमी हो जाने से ही व्यक्ति को लकवा या फ़ालिज मार जाती है जिससे उनका अंग टेड़े हो जाते है और वे काम करने भी बंद कर देते है । सेंधे और काले नमक की डेले के रूप मे लेकर एक कप पानी मे गरम करे फिर इसे ठंडा करके नमक की डेले को निकाल ले और फिर उस पानी को मरीज को आधा कप करके दो बार मे पिलाये ये प्रयोग आपको 90 दिन तक करना है । इसका परिणाम आपको 15 से 30 दिन के अंदर जरूर दिखाई देने लगेगे । यह रामबाण उपाय है , पैरालिसिस के रोगियो के लिए ,इससे लकवा ठीक हो जाता है । अगर आप इस प्रयोग को नहीं कर सकते तो आप होम्योपैथी की एक दवा आती है उसका प्रयोग कर सकते है । Rhus. tox.-30 इसकी 15-15 मिनट पर तीन बार दो दो बूंद जीभ पर डाले कम से कम एक महीने तक सुबह दोपहर शाम दे । Causticum 1एम दूसरे दिन 2-2 बूंद तीन बार दे आधे या पोने घंटे के अंतर पर सप्ताह मे एक दिन देनी है । 2 या 3 महीने मे लकवा पूरी तरह से ठीक हो जाएगा । जिनको लोगो को लो बीपी की समस्या है । उनको एक गिलास पानी मे आधा चम्मच सेंधा नमक या उससे कुछ कम मिलकर सेवन करे । और यही नमक हाइ ब्लड प्रैशर को ठीक करता है । हाइ ब्लड प्रैशर के लिए एक बाल्टी पानी मे 100 ग्राम सेंधा नमक मिलकर उससे स्नान करे किन्तु उस पानी को सर पर नही डालना है । सेधे नमक के पानी से स्नान करने के बाद 5 मिनट शरीर को एसे ही रखना है , तौलिये से पोछना नहीं है । और शरीर मे साबुन भी नही लगाना है ।
सुझाव - शाकाहारी भोजन दे ,चाय और काफी कभी न दे ।
इसे भी देखे : आयुर्वेदिक जीवनशैली (Ayurvedic Lifestyle)
॰ गाय का घी 2-2 बूंद रात मे सोते समय गुनगुना नाक मे डाले दे । गाय का घी ही मस्तिष्क मे जमे हुये खून को निकालने की ताकत रखता है ।
॰ राई और अकरकरा को बराबर मात्रा मे पीसकर चूर्ण बनाए और उसे शहद मे मिलाकर पेस्ट बनाए और दिन मे 3 बार जीभ पर लगाए इससे लकवा की शिकायत दूर होगी ।
॰ 250 मि. ली. गाय के दूध मे 8-10 लहसुन की कलिया डालकर उवाले ,गाढ़ा होने पर रोगी को पिलाये बीमारी मे आराम मिलेगा ।
॰ सोंठ और उरद उबालकर उसका पनि पीने से लकवे मे फायदा होगा ।
॰ तुलसी के 8-10 पत्ते ,सेंधा नमक और दही की चटनी बनाकर लकवे बाली जगह पर लेप करे । इससे आराम मिलेगा ।
॰ 250 ग्राम सरसों के तेल मे थोड़ी काली मिर्च पीसकर मिलाये और शरीर पर मालिश करे आराम होगा ।
॰ उरद , कैच के बीज ,एरेण्ड की जड़ ,बला,हींग और सेंधा नमक व थोड़ा शहद सभी को समान मात्रा मे लेकर काढ़ा बनाए और रोगी को पिलाये ,रोगी को आराम मिलेगा ।
॰ एक चम्मच कपास की जड़ का चूर्ण शहद मे मिलकर सेवन करने से पैरालिसिस मे आराम मिलेगा ।
मित्रो AyurdailyLife द्वारा बताए गयी जड़ी बूटियो या घरेलू उपचार को अपनाने से किसी भी प्रकार के लकवे को जड़ से खत्म किया जा सकता है । और स्वस्थ जीवन जी सकते है । इसके अलावा लकवे की बीमारी मे एक्सर्साइज़ से भी मरीजो को ठीक होते देखा गया है ।
0 टिप्पणियाँ