डेंगू बुखार : डेंगू के कारण,लक्षण व उपचार (Dengue fever: causes, symptoms and treatment)
परिचय - मित्रो  AyurdailyLife मे आप सबका स्वागत है । मित्रो आज कल डेंगू बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, जिसमे हजारो लोग जन गंवा चुके है । यह एक ऐसे वायरल रोग है ,जिसका मेडिकल चिकित्शा मे कोई इलाज नहीं है। परंतु आयुर्वेद मे इसका इलाज है । जोकि इतना सरल और सस्ता है कि कोई भी व्यक्ति इसे बड़ी आसानी से अपने घर पर ही आसानी से कर सकता है ।
 

डेंगू बुखार के लक्षण  (Dengu bukhar ke lakshan)
डेंगू दो  प्रकार का होता है ,जिसमे एक हल्का और दूसरा गंभीर होता है, और लक्षण भी उसके अनुसार भिन्न होते है । बच्चे और किशोर डेंगू कि स्थिति का अनुभव नहीं कर पाते है । हल्के डेंगू के लक्षण एक सप्ताह के बाद ही नजर आते है । इसमे बुखार 105 डिग्री तक पहुच सकता है । इसमे कम से कम दो लक्षण दिखाई देते है - सिर दर्द ,मांसपेशियो हड्डियों और जोड़ो मे दर्द ,जी मिचलाना,उल्टी ,आखो के पीछे दर्द व ग्रंथियो मे सूजन। 
जबकि गंभीर स्थिति मे डेंगू शरीर मे डी एच एफ को बढ़ा देता है । जिसके कारण रक्त मे प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है । उस स्थिति मे पेट मे दर्द ,बार बार उल्टी आना ,मसूड़ो या नाक से रक्त आना ,मल मूत्र या उल्टी मे खून आना,शरीर मे लाल लाल चकत्ते पड़ना ,सांस लेने मे दिक्कत होना ,तेज ठंड लगना, चिड़चिड़ापन थकान या बेचैनी होना।


डेंगू से बचाव के उपाय 
सुरक्षात्मक कपड़े पहने ,फुल बाजू की शर्ट पहने ,फुल पैंट मोजे और जूते  पहने। क्यूकि एंडीज़ मच्छर हमेशा दिन मे ही काटते है । इसलिए सावधान रहे। 
कुछ अन्य सुझाव
.अपने आसपास सफाई रखे ।
.घर के आसपास पानी न जमा होने दे ।
.अपने घर को साफ करने के लिए फ़िनायल का प्रयोग करे। 
.बाहर जाते समय कीट विकर्षण का प्रयोग करे।
.डेंगू से बचने के लिए अनावश्यक खिड्कियों को बंद रखे।
.ऐसा स्थान जहा मच्छर पनप सकते है जैसे - गमले ,कंटेनर,टायर आदि को हटा दे।
डेंगू बुखार का इलाज  (Dengue bukhar ka upay ya ilaaj)
मित्रो जो काढ़ा मै आपको बताने जा रहा हु। यह डेंगू ,टाइफाइड ,चिकनगुनिया,स्वाइन फ्लू,मलेरिया ,इन्सेफेलाइटिस,माता व अन्य प्रकार के बुखार के लिए रामबाण औषधि है । यह इतना प्रभावी है कि इसकी तीन डोज़ मे मरीज ठीक हो जाता है। 
काढ़ा बनाने की बिधि
20 पत्ते तुलसी,नीम की गिलोय का सत 5 ग्राम,10ग्राम सोठ,10 छोटी पीपर के टुकड़े ये सब आपके घर मे आसानी से मिल जाएगा नही तो पंसारी की दुकान से भी ले सकते है। इसको कूटकर महीन करके 1 गिलास पानी मे उबालकर काढ़ा बना ले । और ठंडा करके सुबह ,दोपहर,शाम तीनबार सेवन करे ।
 नीम गिलोय
नीम गिलोय का जूस डेंगू रोग मे श्वेत रक्त कणिकाओ ,और प्लटेलेट कम होने पर तुरंत बढ़ाने मे बेहद असरदार है। 
एलोवेरा
प्लेटलेट और अमीनो एसिड यदि कम हो जाता है,तो उसे बढ़ाने के लिए एलोवेरा का जूस पिये । एलोवेरा जूस फायदेमंद रहेगा और ये बुखार से भी लड़ने मे हेल्पफूल होगा ।
अनार जूस
प्लेटलेट बढ़ाने के लिए अनार का जूस बहुत फायदेमंद है । क्यूकि इसमे एंटीओक्सीडेंट के गुण पाये जाते है। अनार रोगप्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है ।
पपीते के पत्ते का जूस
पपीते के पत्तों का रस सुबह शाम पीने से बुखार जल्द ठीक हो जाता है,यदि पत्तों के रस मे शहद मिलकर सेवन किया जाए तो इसके और बेहतर परिणाम आएगे । इस नुस्खे का प्रयोग हम टाइफाइड,मलेरिया,चिकनगुनिया ,स्वाइन फ्लू ,इन्सेफेलाइटिस ,माता या अन्य प्रकार के बुखार से छुटकारा पाने के लिए कर सकते है। 
नीम की पत्तिया
नीम की पत्तियों के रस का सेवन करने से शरीर मे श्वेत रक्त कोशिकाये और प्लेटलेट्स बढ़ती है। डेंगू से पीड़ित मरीज को दिन मे दो बार नीम की पत्तियों का रस पिला सकते है । यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है,जिससे रोगी जल्द स्वस्थ हो जाता है ।
अमरूद
अमरूद के रस मे शहद मिलकर डेंगू के रोगी को पिलाने से मरीज जल्द स्वस्थ हो जाता है । इसे दिन मे एकबार ही पिलाना है । 
तुलसी की चाय
तुलसी के पत्ते से बनी चाय डेंगू से लड़ने मे बहुत कारगर है,इससे रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और रोगी जल्द स्वस्थ हो जाता है । 

मित्रो आशा करता हु कि AyurdailyLife द्वारा बताए गए आयुर्वेदिक नुस्खो से आप अपने घर या आसपास के डेंगू ,टाइफाइड ,चिकनगुनिया ,स्वाइन फ्लू ,मलेरिया से ग्रसित मरीजो का इलाज आसानी से कर सकते है ।