पोलिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का उपचार (Treatment of PCOD & PCOS)
विषय - सुप्रभात मित्रो कैसे है आप सब आशा करता हू कुशल ही होगे । और ayurdaily Life द्वारा बताए गए आयुर्वेदिक नुस्खो से ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा रहे होगे और दूसरों को भी फ़ायदा पहुचा रहे होगे । मित्रो आज का विषय है । पीसीओडी की समस्या जो की महिलाओ मे होती है। यह महिलाओ मे होने बाली एक आम समस्या है। पाली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर '' महिलाओ के गर्भाशय मे मेल हार्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है। जिसके कारण ओवरी मे सिस्ट्स बनने लगते है। जिससे समय समय पर मासिक धर्म का न आना  छोटी उम्र मे अनियमित मासिक चक्र, अचानक बजन बढ़ना,बात बात पर इमोशनल हो जाना,बेवजह चिड़चिड़ापन,चेहरे पर अनचाहे बाल,फुंसी और डार्क पैचेसईस  बीमारी के संकेत हो सकते है। इस बीमारी का समय से इलाज करे अन्यथा गर्भवती होने मे कठिनाई हो सकती है। इस समस्या मे ज़्यादातर जन्म नियंत्रण और मधुमेय की गोलिया दी जाती है। इससे असंतुलित हार्मोन्स को ठीक किया जाता है। ये कोई कारगर और सफल इलाज नही है। जब तक ये दवा लेगी तब तक ठीक रहेगी दवा बंद समस्या फिर से बापस आ जाएगी। इस समस्या का मुख्य कारण है । तनाव ,रहन ,सहन ,खानपान ,नीद पूरी ना होना और खराव जीवनशैली । अतः आप  चाहती है कि इसका कारगर और जड़ से इलाज हो तो मै आपको कुछ उपाय व घरेलू टिप्स बता रहा हू जिसको अपनाकर आप इस बीमारी से हमेशा के निजात पा सकती है। और यह पूर्णतह सुरछित भी है।

तनाव को कम करे - इस बीमारी मे तनाव आपका सबसे बड़ा दुश्मन है। छोटी छोटी चीजों को लेकर सोचना आपके मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। हम जितना ज्यादा चीजों को लेकर सोचते है तनाव बढ़ता जाता है। और इसका असर हमारे शरीर पर पड़ता है। इसलिए खुश रहने का प्रयास करे गाने सुने धार्मिक गीत सुने  अच्छी  किताबे पढ़े ,कॉमेडी शोज देखे ओवर आल खुश रहे । चीजों को अपने ऊपर हावी ना होने दे । सारा खेल मानसिक संतुलन का है। अगर मानसिक संतुलन हो गया तो होर्मोन्स खुद व खुद ठीक हो जाएगा।

जीवनशैली मे बदलाव - यह सबसे अहम है आप सब जानते है कि आपको अपने जीवनशैली मे बदलाव कि सख्त जरूरत है। रात को जल्दी सोये और सुबह  जल्दी उठे । 8 घंटे कि भरपूर नीद ले। 20 मिनट मॉर्निंग वाक करे । और कुछ समय योगा और मेडिटेसन भी करे । तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए मन को शांत करने के लिए  मेडिटेसन बहुत ही उपयोगी है। टाइम से भोजन करे और दिनचर्या समय से करे । इस समस्या मे आपको अपने आहार मे कुछ चीजों को सामिल करना है। उच्च फाइवर युक्त भोजन क्यूकी फाइवर रक्त मे शर्करा के प्रभाव को कम करता है। जिससे  शरीर को इंसुलिन प्रतिरोध से निपटने मे मदद मिलेगी। फाइवर युक्त भोज्य पदार्थ -ब्रोकली ,फूलगोभी ,पपीता ,कीवी ,स्ट्रावेरी आदि खाना सुरू करे। बादाम खाये  दालचीनी को गुंन गुने पानी या पानी मे उबालकर पिये। एप्पल साइडर विनिगर  पानी मे डालकर सुबह खाली पेट ले। मैदे  से बनी चीजे ना खाये  जैसे - पिज्जा ,मोमोज ,बर्गर ,और सफ़ेद ब्रैड दूध ,दही का सेवन ना करे। तला हुआ और मसालेदार भोजन से परहेज रखे । बेहतर होगा कि आप इसे कुछ टाइम के लिए ना खाये। मोटापे को कम करने के लिए ग्रीन टी का सेवन करे । एक अच्छी और नियमित दिनचर्या अपनाने से आपको कम समय मे इस बीमारी से निजात मिल सकती है। 

योगासन -  पीसीओडी और पीसीओएस बीमारी भारत की महिलाओ को बहुत तेजी से शिकार बना रही है। इन दोनों बीमारियो की वजह से महिलाओ मे बांझपन का खतरा बढ़ जाता है । आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे मे बताएगे जिससे पीसीओडी और पीसीओएस जड़ से खत्म हो जाएगी और आप स्वस्थ जीवन जी सकेगी । आइये सुरू करते है।

चक्की चलासन- चक्की चलासन योग को करने के लिए आपको दोनों पैरो को फैलाकर बैठना होगा फिर हाथो को पकड़ते हुये बाजुओ को कंधे की सीध मे अपने सामने की ओर रखे। लंबी गहरी सांस लेते हुये अपनी शरीर के ऊपरी हिस्से को आगे लाये और गोला बनाते हुये दाई ओर हिलना सूरु करे। फिर सांस भरते हुये आगे और दाई ओर जाए और सांस छोडते  हुये पीछे व वायी ओर आगे से दाई ओर जाते हुये सांस भरे । घूमते हुये लंबी गहरी सांस लेते रहे । इससे आपको बाजुओ,पेट पेलविक एरिया और पैरो मे स्ट्रेच महसूस होगा । इससे यूट्रस ,ओबरी, किडनी,व पेट के निचले हिस्से के मसल्स की मसाज होती है । जिससे पीसीओडी और पीसीओएस की समस्या खत्म हो जाती है।

सूर्य नमस्कार- सूर्य नमस्कार योगासनों मे सर्वश्रेस्थ है। यह अकेला अभ्यास ही साधक को संपूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुचने मे समर्थ है। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है। यह योग सभी के लिए उपयोगी है। इसको करने से प्युविक एरिया की मसल्स ,यूरिनरी ट्रैक्ट वेन्स और लोवर अबडामिन की मसाज होती है।यह पीसीओडी को खत्म करने के साथ मेन्सटूअल साइकिल को रेगुलर करता है ।

वटरफ्लाई  आसान - तितली आसान करने के लिए अपने दोनों पैरो को सामने की ओर  सीधा करके बैठ जाए । रीढ़ की हड्डी को सीधा रखे । अब पैरो को मोड़कर हाथो की उँगलियो को  पैरो के पंजो के ऊपर लाकर आपस मे मिला दे । इस समय आपकी एडिया आपके शरीर से सटी हुई होनी चाहिए । सामान्य रूप से सांस लेते हुये दोनों पैरो को एकसाथ ऊपर ले जाए और फिर नीचे लाये । इस योग को 15-20 बार करना है। इससे बॉडी के लोवर पार्ट्स की नर्व्स मजबूत होगी । और प्युविक एरिया मे ब्लड  सर्कुलेसन  बढ़ेगा  जिससे हार्मोन्स कंट्रोल रहेगे । 

अतः मित्रो आप अपने जीवन मे खानपान और दिनचर्या को नियमित करके और योगासन की मदद से आप पीसीओडी और पीसीओएस जैसी खतरनाक बीमारी से छुटकारा पा कर स्वस्थ और  खुशहाल जीवन जीये।