विषय सूची - मित्रो नमस्कार कैसे है आप सब आशा करता हू सकुशल होगे और हमारे ayurdaily Life के नुस्खो को अपनाकर ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा रहे होगे। और स्वस्थ जीवन का भरपूर आनंद उठा रहे होगे ।
स्वस्थ जीवन मानव समाज के लिए एक वहुत बड़ी चुनौती बन गयी है । दूषित वातावरण ,अनियमित दिनचर्या,खाने मे अशुद्ध आहार आदि मानव के स्वास्थ्य को लगातार नुकसान पहुचा रहे है। इन सभी से बचने के लिए हमे अपनी दिनचर्या मे सुधार करना होगा बाजार मे मिलने बाले पकवानो से दूर रहना होगा। अपने घर मे बनी शुद्ध चीजों का प्रयोग करके हम काफी हद तक अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते है।
मित्रो आज हम जिस विषय पर बात करने बाले है बो है ''डायबटीज़ " जिसे हम मधुमेय भी कहते है । आजकल ये बीमारी बहुत आम हो गयी है । हमारे देश मे 10 मे से 5 व्यक्ति मधुमेय का शिकार है । आज हम आपको आयुर्वेद के कुछ ऐसे उपचार बताएगे जिससे ये बीमारी जड़ से खत्म हो सकती है। अगर आपने उन उपचारो का सही से प्रयोग कर लिए तो आप हमेशा के लिए मधुमेय से छुटकारा पा कर स्वस्थ जीवन जियेगे।
मित्रो सर्वप्रथम अगर आपको मधुमेय है तो आप फारचून,चीनी ,सफ़ेद नमक का प्रयोग अपने भोजन मे पूर्णतया बंद कर दे आप सरसों,अरंडी ,मूँगफली आदि के तेल का सेवन करे। चीनी के स्थान पर आप गुड का सेवन करे ।
सफ़ेद नमक के वजाय सेधा या काला नमक का उपयोग करे। इन तीन चीजों का प्रयोग अगर आप बंदकर देते है। तो आपकी 50% बीमारिया वैसे ही ठीक हो जाएगी। बिना दूध की चाय बहुत मुफीद है। मित्रो कैल्सियम का सेवन करे। कैल्सियम के सेवन से आपको 48 से 50 गंभीर रोग नहीं होगे। जैसे - खून का गाढ़ा होना,बाल सफ़ेद होना ,हड्डियों का कमजोर होना, शुगर की समस्या,डाइबटीज ,हाइ बीपी ,कैंसर ,आदि । हमारा शरीर जब पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता तब ग्लूकोज का अधिक देर तक रक्त मे रहना और सेल तक ना पहुचना मधुमेह को जन्म देता है।
डाइबटीज के लक्छन -
॰ प्यास का ज्यादा लगना (Polydipsia)॰ रात के समय बार बार पेशाब जाना (Polyuria)॰इसमे खाना खाने की ज्यादा चाहत होती है। (Polyphagia)॰ हमेशा थकान बनी रहना ॰ आखो से धुधला या कम दिखाई देना ॰ अचानक वजन का कम हो जाना ॰ बिना किसी कारण के घाव जल्दी ना भरना।
घरेलू उपचार - एलोपैथ मे अभी तक डाइबटीज की कोई दवाई नही है। जो दवा दी जाती है बो इंसुलिन को कंट्रोल करने की दी जाती है। हम कुछ ऐसे आयुर्वेदिक उपचार बताएगे जिसका उपयोग कर आप डाइबटीज को
की समस्या को कंट्रोल या जड़ से खत्म कर सकते है।
1-दालचीनी - दालचीनी एक मसाला है जिसमे मैगनीज,आइरन ,और फाइवर भरपूर मात्रा मे पाया जाता है। साथ ही इसमे अमीनो एसिड व फैटी एसिड भी पाया जाता है।जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखते है। साथ ही इंसुलिन को कंट्रोल करता है। इसे आप दूध या चाय मे चीनी के स्थान पर एक चुटकी डाल कर पी सकते है। इससे डाइबटीज नियंत्रित रहेगी।
2- अखरोट - अखरोट मे विटामिन E की मात्रा काफी होती है । जो थकान को दूर करने मे हमारी मदद करता है। इसमे कार्ब्स की मात्रा कम होने के कारण यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने मे हमारी बहुत ही असरदार है।
3-बीन्स - बीन्स मे भरपूर मात्रा मे प्रोटीन और फाइवर होता है। जिससे हमारी डाइबटीज कंट्रोल मे रहती है।
4-ग्रीन टी - इसकी तासीर गर्म होती है इसके सेवन से बजन कम होता है। इसकी पत्तियों मे बायोएक्टिव तत्व पाये जाते है। इसके नियमित सेवन से कोलोस्ट्रोल के साथ साथ डाइबटीज कंट्रोल होती है।
5-पालक - पालक मे मैगनीशियम ,आइरन ,फोलेट आदि तत्व पाये जाते है। मैगनीशियम हमारे ब्लड शुगर लेवेल को कम करने मे प्रभावी है।
6-करेले का जूस - खीरा करेला और टमाटर का जूस ले इसमे सदाबहार के 7 फूल और नीम के 7 पत्ते मिला ले फिर इसे मिक्सी मे पीस ले और सेवन करे । यह डाइबटीज को नियंत्रित करने का रामबाण उपाय है ।
7-मेथी का पानी- मधुमेय मे मेथी का पानी बहुत ही उपयोगी है। इसे सुबह खाली पेट पीने से शरीर detoxify हो जाता है। साथ ही यह आपके बजन को कम करने मे सहायक है। मेथी फाइवर्स ,स्टार्च ,फास्फोरिक एसिड होता है। जो हमारे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने मे उपयोगी है।
8-जामुन की गुठली - जामुन की गुठली ,गिलोय ,चिरायता को बराबर मात्रा मे लेकर चूर्ण बना ले । इसे सुबह शाम 1-1 चम्मच पानी के साथ सेवन करे ।
9-सफ़ेद पेठा और बेल पत्र - सफ़ेद पेठा का जूस निकाल ले उसके बीजो को अलग कर दे जूस निकलते समय उसमे एक बेल पत्र जरूर डाले फिर इस जूस का सेवन कर ले उपाय डाइबटीज को जड़ से खत्म मे बहुत उपयोगी है।
मित्रो उपरोक्त दिये गए सभी आयुर्वेदिक नुस्खो को अपनाकर डाइबटीज की बीमारी से निजात पा सकते है । और अपने शरीर को स्वस्थ व सुंदर बना सकते है। आप स्वस्थ व निरोग रहे। इनही मंगल कामनाओ के साथ जय श्री राधे
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